
स्कूल की छुट्टियां चालू हो गई हैं। हर साल की तरह हम फिर शिमला जा रहे हैं। शिमला में मेरी दादी रहती हैं। वहां जाना मुझे बहुत पसंद है।
हर साल वहां जाने के कारण मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए हैं।
फुलवा, गुज्जू और चंपा मेरी गर्मी की छुट्टियों वाली बेस्ट फ्रैंड हैं।
पड़ोस में प्रधान चाचा रहते हैं। प्रधान चाचा के घर एक पालतू बिल्ली है।
उनकी बिल्ली बहुत प्यारी है। उसका नाम भूरी है। मुझे भूरी के साथ खेलना पसंद है।
चाची शादी के बाद उसे अपने मायके से साथ लाई थी।वो चाची के साथ ही रहती थी। चाची के साथ तालाब भी जाती थी।
फिर लौटते हुए भूरी हर दिन मुंह में एक मछली पकड़ कर लाती थी।
भूरी वो मछली चाचा के सामने रख देती थी। चाचा प्यार से भूरी की पीठ सहलाते थे, फिर “मेरी प्यारी भूरी” बोलते और मछली उठाकर भुरी को वापस दे देते।
भूरी एक कोने में बैठ कर बड़े चाव से फिर मछली खाती।
चाची ने कहा था इस साल वो मुझे भी भूरी का ये तमाशा देखने बुलाएंगी।
मेरी पूरी तैयारी हो गई है। इस बार तो में भूरी का ये खेल देखूंगी।
स्कूल की छुट्टियां । भूरी चली गई । भाग 1
दादी के घर आए अब दो दिन हो गए हैं।
बाकी सहेलियों से तो मुलाकात हो गई, पर अभी तक भुरी एक भी बार दिखाई नहीं दी है।
दादी भूरी कहां चली गई है।
बेटी तुम अपनी सहेलियों के साथ खेलो। भूरी होगी यहीं कहीं।
हर दिन मैं दादी से ये सवाल करती हूं पर दादी हर बार ये ही जवाब देकर मुझे टाल देती हैं।
आज मेंने सोचा है की चाची से ही भूरी के बारे में पूछूंगी।
स्कूल की छुट्टियां । भुरी चली गई । भाग 1
चाची भूरी कहां है?
बेटा वो यहीं कहीं होगी।
चाची ऐसा कहते ही रोने लगी। मुझे समझ आ गया।
चाची भूरी के बारे में सोच कर दुखी हैं।
अब तो दादी से ही पूछना पड़ेगा। दादी ही बताएंगी की भूरी कहां चली गई होगी।
दादी, ओ मेरी प्यारी दादी। आज मैं आपके साथ पौधों को पानी देने चलूंगी।
और, आप मुझे सब्जी खाने बोल रही थी ना, आज बना दो अपने पसंद कि सब्जी।
आज मैं आपके पसंद कि सब्जी खाऊंगी।
स्कूल की छुट्टियां । भुरी चली गई । भाग 1
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DON’T KNOW THE LANGUAGE, BUT PUSSY CATS…ARE MY THING! 😀
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