बच्चों को खाना खिलाना, मां का दिन भर का सबसे बड़ा काम हो सकता है, और सबसे ज्यादा समय लेने वाला भी। इसी बीच जब बच्चे की थाली परोस दी गई है, पर वह नहीं खाता तो, मां, दिन भर उसके खाने की चिंता करती रहती है। ऐसे में एक प्रश्न जो मां के दिमाग में आता है –
मुझे अपने बच्चे को कब खाना परोसना चाहिए?
अक्सर इस प्रश्न के कई तरह के उत्तर मिलते हैं, जो, आस पास के लोग या घर के बड़ों के हम तक पहुंचते हैं।
अक्सर हम पूरे समय बच्चे के पीछे खाना लेकर घूमते रहते हैं। और कई बार हम बच्चे को जबरदस्ती खिलते है।
अब आप ये तरीके भी अपनाकर देखें।
1. पूरे दिन खाने के लिए पीछे भागने के बदले, अपने बच्चे को दिन में 3 बार नाश्ता और 2 बार पूरा भोजन दें। हर दिन लगभग एक ही समय पर भोजन और नाश्ता परोसने का प्रयास करें। भोजन और नाश्ते का एक योजना बद्ध अनुकरण आपके बच्चे में खाने की आदतों को विकसित करने में मदद कर सकती है।
2. आपके बच्चे को आपके मुकाबले खाने में अधिक समय लग सकता है। उन्हें खाने को खत्म करने का समय दें। यदि आपको लगता है कि बच्चे का खाने में मन नहीं लग रहा और वो खाने से खेल कर रहा है, तो उसके सामने के खाना हटा दें, और उसको मेज से उतर कर खेलने छोड़ दें। इस तरह धीरे से बच्चा ये समझ जाएगा कि खेलना और खाना एक साथ नहीं हो सकता।
यदि बच्चे को कोई स्वस्थ से सम्बन्धित दिक्कत नहीं है, और वह रोज खेल कूद कर रहा है तो निश्चित रहें। बच्चे कभी भी भूखे नहीं रहते, वो अपनी आवशयकताओं के अनुसार खा लेते हैं।
बच्चे को दिन भर ना खिलाएं, फिर उससे भूख का अहसास नहीं होता।